*जयसेवा जय जोहार संगी लोर*
*जय सेवा जय जोहार*
*शिव टेकाम नार चाकाबुडा जिला कोरबा ते मनवाल गा*
*जयसेवा जय जोहार संगी लोर*
*जय सेवा जय जोहार*
*वातू आषाढ अर्तू पिर*
*निंदितू डोडा वांगतू रोन गा*
*जयसेवा जय जोहार संगी लोर*
*जय सेवा जय जोहार*
*बिम नागेल बीम तुतारी तीन बसी हव्वर गा*
*यिदुने यिंतना अजय दादानल नार भालुकोंगा डोंगरगढ़ तहसील छत्तीसगढ़ ते मनवाल गा*
*जयसेवा जय जोहार संगी लोर*
*जय सेवा जय जोहार*
*झिमुर झिमुर पिर वातु*
*निंडितू बांदिंग निंदितुंग दोब्रांग गा*
*कांजा नांगेल पुहिला खेदेकिम कोंदांग केंजा नवा ईनदना गा*
*यीदुने इंदा*
*जयसेवा जय जोहार संगी लोर*
*जय सेवा जय जोहार*
_____________&________________
*तेदिता बादेल कारिया कारिया तेने इंटना अजय दादा बीम नांगल तुतारी गा*
*जयसेवा जय जोहार संगी लोर*
*जय सेवा जय जोहार*
*छूनुर छूनुर पातंजल ने कांता तला दे बिम बासी गा*
*ईदुने ईनंतोर्क अजय दादा*
*जयसेवा जय जोहार संगी लोर*
*जय सेवा जय जोहार*
*शर्री हुडितोर नांगेल पुहवाल*
*ऊदितु कोंदा बदले गा*
*बिम नागेल बीम तुतारी तीन बसी हव्वर गा*
*खुलो मातु ई स्कोर संगी*
*दाकट पड़े माय अनि कोटिला गा*
*मुने पडे़ह लिखेह मायकाट*
*अनी नार दुन मावा ताकि काट गा*
*पंच अनि पंचायत बने किसी नार दुन जागे के काट गा*
*पड़े लिखे मासी खेती केकाट अनी धन वंज्जीं लागे मायर गा*
*जयसेवा जय जोहार संगी लोर*
*ई देने इंदि Ajay दादा*
*जयसेवा जय जोहार संगी लोर*
*जय सेवा जय जोहार*
*Ajay gote*
9131479289
❤❤❤❤Hindi ❤❤❤❤
जयसेवा जय जोहार ग संगी
जय सेवा जय जोहार
शिव टेकाम गाव चाकाबुडा जिला
कोरबा के रहाईया ग
जय सेवा जय जोहार ग संगी
जय सेवा जय जोहार
आगे आषाढ गिरगे पानी
भरगे झोरिया चुहगे छानी ग
जय सेवा'''''''""
धर ले नागर धर तुतारी खाले नुन
बासी ग
यही ला कथो अजय भैया ला
जय से'""""""
झिमिर।झिमिर पानी गिरे
भरगे डोली डबरा ग
डोले नागर जोतवाईय खेदले बैला
सुन ले मोर कहना ग
यही।कथो जय सेवा
उठेहे बादर कारी कारी घाट
यही कथो अजय भैया
धर ले नागर तुतरी ग
जय सेवा जय जोहार ग संगी
जय सेवा जय जोहार ले
खुनुर खुनूर पैरी बाजे मुड
म धरे बासी ग
लकर लकर।रेग बे नोनी
धर ले रोटी बासी ग
यही ल कथो अजय भैया
जय सेवा जय जोहार ग
रस्ता देखे नगरिया हा
बैठगे बैला पछरिया
धर ले नागर धर ले तुतरी
खा ले नुन मा बासी ग
खुलगे खुलगे स्कूल ग संगी
चलबो पढे लिखे ग
आगे पढबो लिखबो
अऊ गाव ल चलाइबो ग (जागबो)
पंच अऊ पंचायत बना के गाव ल आगे जागबो ग
पढा लिखे खेती करबो अऊ धन धान लहा लहागे ग
यही कथो अजय भैया
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