परमाह सूर गोटूल किल्ले कोर्र रच्चा का निर्माण कर कोया कोयतूरों को अध्ययन करवा कर यह समुदाय के लिए आत्मविश्वास के साथ अपने मर्र मियाड़ों को शिक्षित किये । कुछ हमारे ही समुदाय में सामाजिक गतिविधियों को अज्ञानता वश में सामाजिक दूरियां बड़ रहे थे ........ जिसे जंगो रायतार ने केतूल की ब्यवस्था कर उन बुराईयों से मुक्त करने के लिए रांडी आस्क व अविवाहित लयाओं को उस महान नीलकोंडा मेटटा में केतूल की श्रृजन कर शिक्षित की और सामाजिक दूरियों को खत्म कर सामान्यता स्थापित की जिससे आज समुदाय में भेदभाव की दृष्टि नही है यह सुन्दर समुदाय जीवन यपन करते आये हैं ।
प्राकृतिक पर्यावरण संतुलन बनाए रखने की तकनीक को अपना कर समुदाय के विकास करते रहे प्रकृति टोण्डा ( नार , बेला ) कोंदा हूर ( दांये से बांये ) चक्रण गति को अपने जीवन में अंगीकृत कर उस चक्रण विधि से गुजरना सही माना जो टोण्डा भी इसी चकवरण से पोषित होता है आगे कुछ कोया पुनेम संबंधित लेख हमारे पूर्वजों कहा करते थे :---
ओटे बुर्रका कवाची ,, कसुर्र पेंडिया हुपोंडी
कल ताड़े ताड़ामी ,, रै बांडाल उयकाल ।।
कर्रे कदवाल कोर्रामी ,, मड़न मर्र मड़ावी
नोर्र अहचवाल नूरूटी ,, किस पैवाल पोयाल ।।
हर्र तोहवाल नैतामी ,, कोर्र मुचवाल कोरोटी
नेल पूहवाल पदाल ,, हीचेल वीतवाल हीचामी ।।
हिड़क हड़क वड़कवाल हिड़को ,, आच वड़कवाल आचलाल
किदोह कोदोह कौडो ,, कुंजुह उदलेर कुंजाम ।।
पिर्रिच - पर्रच पोरोटी ,, बुगले पूयलेर पुंगाटी
किर्रिच - कर्रच कोर्रचा ,, पर्स पैवाल पेरसाल ।।
हूह कटियांग हूर्राल ,, कोड़ लाटी कोड़ोपी
चकना दुरवा मोकना माजी ,, काड़ाल तितूर होड़ी ।।
गोटूल ते
आडा कर्रे मोडडे लैया ,, हीनांग हीहे बीरे लैया
पाल ऊहे पटाव लैया ,, कुरूम तूसे बुके लैया ।।
पोया मरकाम
डोडा वंडस हनवालोर ,, हन्दाकरियालोर
ऊसा हूड़ह मल्स वालेर ,, माला लोर ।।
राज ते
जलर - मलर चतीसगड़ ,, कमका बोड़ी ओड़ियान
पुसुर - पसर माड़ियान ,, कैरी - बैरी बस्तेर ।।
आट गड़ मोदे ,, बीस कोस बस्तेर
टीपा गड़ डोंगूर ,, हकेय मानेय हन्दूर ।।
कोयतोर गोंदोला ( जन समुदाय ) के कुछ रीतियों को -- वाट पुन्नीट ( जानें )
* मेंदूल वेदहाना नीति ( मासिक प्रेड में अलग रहने की ब्यवस्था )
* मुदयाल अड़का तुन इटटाना आयो ( डोकरा हंडी को छूना नही मासिक अवस्था में )
* नोड़े डोर दोहना ( जन्म के बाद बोमली खोदरा में मंद तर्पण के बाद बच्चे के कमर में रेशुम डोरी बांधना )
* हाटूम पसिहना ( बच्चे को बाजार दिखाना )
* कविंग तुलिहना / लुड़किंग कर्रिहना ( कान , नाक छेदवाना बारी पहनाना )
* लोन रीति कर्रिहना ( घर की काम धाम सिखाना )
* गोटूल कर्रसना ( गोटूल में खेल खेल में शिक्षा ग्रहण करना )
* मरम मण्डा उर्रसना ( विवाह संस्कार के लिए परिपक्व होना )
* पाट पुरका तुन पुन्दना ( पेन बानाओं को जानना )
* बुमकाल हर्र दे ताकना ( सामाजिक ब्यवस्थाओं जानना )
* ओस वाटना ( मृत शरीर को दफनाना )
* हात हामूर नेंग पंडना ( मृत्यु संस्कार करना )
इव नीति नुंग पुन्ट दादा असकेन मावा जीर्र पिसियार ( इन रीति - रीवाजों को जानो भैया तभी हमारा समुदाय बचेगा और बढ़ेगा
कोया पुनेम तुन पुंदना / पुंदाना ( कोया पुनेम के रहस्यों को जानना )
कोया पुनेम - याने सत्यता को पहचानना + पूर्वजों की मार्ग पर चलना + मानव सत मार्ग या पूर्वजों की उच्च आदर्श ब्यवस्थाओं को ग्रहण करना याने पुरखों की उच्च आदर्श ज्ञानों को अगिकृत कर मानवीय उच्चतरीय मुल्यों को समझना ।
कोया + मानव । पुनेम + सत मार्ग
को + कोक , कानाड़ गुमिया , कल हिर्रपांज या कल हाकीड़ -- अर्थात - कोक -- मां की गर्भ । कानाड़ गुमिया , कप्पे कानाड़ गुमिया , मोडड गुमिया -- नार फूल गाड़े गडढा । कल हिर्रपांज , काल हाकीड़ -- योनि की मुख्य द्वार दोनों जांघों के बीच ।
या + यायाल , अवाल अर्थात --- अवसर की घड़ी में मां अपने बच्चे को बचाना व पालन - पोषण कर जीवित रखना ।
पुनेम + सत मार्ग ---- पु + पुकर्राल , पुरूड़ , पूरका अर्थात - पूर्वजों की सत मार्ग को अपनाना ।
ने + नेंग - नियम , नेंग दस्तूर ( रीति-रिवाज , परम्परा )
म + मने मन में ग्रहण करना या मानना ।
साथियों कोया पुनेम के कुछ रहस्यों को लिखने का प्रयास किया हूं और इन्हे हम सब जानते हैं उसी को मानते हैं पर मंद बुद्धि के कारण लिख दिया हूं आप सभी को दूर से लापी जोहार ......
प्रेषक :-- तिरूमाल किरको पदा देवान गोटूल एजुकेशन सिस्टम जंगो रायतार गोंडी इंग्लिश मीडियम पब्लिक स्कूल व जंगो रायतार समाज कल्याण समिति के संयुक्त सचिव एवं कोया बुमकाल क्रांति सेना के कोया पाटाड़ी मोबाइल नंबर
७५८७११७९१६ / ९४०६३३३०५४
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