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1870 बुंदेलखंड में शिक्षा की ज्योति जलाने वाले ,खुद की जीवन भर की कमाई से खुद के जन्म स्थान पर डाक्टर हरी सिंग गोंड जमीनसागर विश्व विद्यालय की स्थापना 1312 एकड़ पर 1946 में कर दी है।यह भारत का एकमात्र यूनिवर्सिटी है जो किसी एक व्यक्ति के दान से बना है। इंग्लैंड से उच्च शिक्षा प्राप्त डाक्टर हरी सिंग गोंड,1921 मे दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रथम कुलपति रहें हैं ।आप जमींदार तखत सिंग गोंड सागर मध्य प्रदेश, के तीसरे पुत्र थे,संविधान परिसद में आपका नाम हरि सिंग गोंड ही है। सागर विश्व विद्यालय के शिलालेख में भी हरी सिंग गोंड ही था,बाद में ,पदस्थ शरणार्थियों ने गोंड को गौर लिखा जो आज भी लिखा और बोला जा रहा है। इस तरह एक मूल बीज के महान योगदान को धूमिल कर दिया गया
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