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गोंड राजा अमर शहीद श्री दलशाह महाराज जी (ड़ेलनशाह)1842

|| गोंड राजा अमर शहीद श्री दलशाह महाराज जी (ड़ेलनशाह)1842 #बुन्देला_विद्रोह तेंदूखेड़ा(म.प्र) दुर्लभ छायाचित्र ||


इस रियासत में 200 गांव आते थे और एक समय में इसका मुख्यालय तेंदूखेड़ा तहसील से 5 किमी दूरी पर वर्तमान रामपुरा गांव के पास जंगल में था. यहां पर आज भी किले, बावलियां, समाधियां और मूर्तियों के भग्नावशेष हैं.

जानकारी के अनुसार 13 अगस्त, 1802 को राजा डेलन शाह का जन्म हुआ. इन गोंड शासक का गोत्र काकोडिया था. मराठों के लगातार आक्रमणों के कारण रामगढ ध्वस्त हो गया था.  

बताया जाता है कि इसलिये डेलन शाह के पिता राजा विश्राम शाह को हटना पड़ा. बाद में उन्होंनें अपने पुत्र डेलन शाह के नाम पर डेलनबाड़ा नामक बस्ती बसायी और पहाड़ी पर किला बनाया जो डेलवार, दिलवार और अपभ्रंश से ढिलवार हो गया. 

यह भी जानकारी मिलती है कि राजा डेलन शाह के बेटे कुंवर रघुराज शाह भी अंग्रेजों से लड़ते हुये 17 जनवरी 1858 को बलिदान हो गये.

|| बुंदेला विद्रोह:- सन् 1842-43 ||

इस विद्रोह को सागर जिले में नरहट के मधुकर शाह, गणेश जू तथा चंद्रपुर के जवाहर सिंह द्वारा प्रारंभ किया गया था. इन पर सागर के दीवानी न्यायालय ने डिक्री तामील की और एक असंभव राशि के भुगतान का आदेश दिया.

इन लोगों ने इस आदेश की अवज्ञा करने का फ़ैसला किया. इन सभी ने मिल कर ब्रिटिश हुकूमत के विरुद्ध विद्रोह का बिगुल फूंक दिया.

उन्होंने अँग्रेजों की चौकियों में तोड़ फोड़ कर दी और ब्रिटिश सिपाहियों को पीटा भी शीघ्र ही इस विद्रोह ने उग्र रूप ले लिया . ब्रिटिश सत्ता के खिलाफ सुलग रही आग के कारण इसमें कई राजा, सामंत, किसान, मालगुजार और प्रजा शामिल हो गये. 

जिससे विद्रोह का रूप भयानक हो गया। चूंकि यह विद्रोह बुंदेला शासकों द्वारा शुरू किया गया था इसलिये यह बुंदेला विद्रोह के नाम से इतिहास में दर्ज है। नरसिंहपुर जिले में विशेषकर चांवरपाठा परगने में यह विद्रोह पूरी तरह से सफल रहा यहां इस विद्रोह का नेतृत्व मदनपुर ढिलवार के गोंड राजा डेलन शाह ने किया. 

ब्रिटिश सरकार ने राजा डेलन शाह को पकड़ने के लिये इनाम की राशी बढ़ा कर 1000 रुपये कर दी. कुछ ही दिन बाद इनाम की राशि दो गुनी कर 2000 रुपये कर दी गई फिर भी अँग्रेजों को कोई फायदा नहीं हुआ. 18 नवम्बर 1857 को कैप्टन टर्नन ने राजा डेलन शाह के ढिलवार स्थित किले में आग लगा दी. परंतु डेलन शाह और नरवर शाह को पकड़ा नहीं जा सका वे जंगलों में छिप जाते थे...


🙏 कली कंकाली दाई 🙏
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